Posts

Showing posts from January, 2016

इंटेलेक्चुअल युवा

इस देश के भटके हुए भटकते युवा में एक नया युवा जन्म ले रहा है, या शायद वो हमेशा से मौजूद था लेकन दिखना अभी शुरू हुआ है| ये इंटेलेक्चुअल युवा है| ये वो युवा है जो रवीश से इत्तेफाक रखता है और पियूष मिश्रा के गाये हुए गाने सुनना पसंद करता है| इसके बुकमार्क्स में 'क़स्बा' का लिंक मिलता है और ये मंटो और धर्मवीर भारती को पढता है, और हिंदी पढने, लिखने और बोलने में इसको कोई शर्म महसूस नहीं होती| ये युवा गुलज़ार को उनके गीतों से ज्यादा उनकी नज्मों के लिए पसंद करता है और जानता है की उनके हर एक गीत में कोई न कोई नज़्म छुपी हुई है| इस युवा का ग़ालिब और मीर से भी गहरा ताल्लुक है और इसको कविता और शायरी पढने और लिखने, दोनों का ही अच्छा ख़ासा शौक है| इसके फ़ोन में बॉलीवुड के पंजाबी रैप सॉंग्स की जगह बेगम अख्तर और गुलाम अली की गज़लें मिलती हैं| ये युवा फेसबुक पे जाके फ़ालतू पोस्ट पे लाइक और कमेंट करने के बजाये गहरे मुद्दों पे गंभीर चर्चा करता है| लेकिन इस युवा का सोशल एक्सपटेंस बहुत कम है क्यूंकि अधिकांश युवा इसके जैसा नहीं है और उसको इसकी सारी बातें बेतुकी लगती हैं| इसीलिए इस युवा के बारे ...