इंटेलेक्चुअल युवा
इस देश के भटके हुए भटकते युवा में एक नया युवा जन्म ले रहा है, या शायद वो हमेशा से मौजूद था लेकन दिखना अभी शुरू हुआ है| ये इंटेलेक्चुअल युवा है| ये वो युवा है जो रवीश से इत्तेफाक रखता है और पियूष मिश्रा के गाये हुए गाने सुनना पसंद करता है| इसके बुकमार्क्स में 'क़स्बा' का लिंक मिलता है और ये मंटो और धर्मवीर भारती को पढता है, और हिंदी पढने, लिखने और बोलने में इसको कोई शर्म महसूस नहीं होती| ये युवा गुलज़ार को उनके गीतों से ज्यादा उनकी नज्मों के लिए पसंद करता है और जानता है की उनके हर एक गीत में कोई न कोई नज़्म छुपी हुई है| इस युवा का ग़ालिब और मीर से भी गहरा ताल्लुक है और इसको कविता और शायरी पढने और लिखने, दोनों का ही अच्छा ख़ासा शौक है| इसके फ़ोन में बॉलीवुड के पंजाबी रैप सॉंग्स की जगह बेगम अख्तर और गुलाम अली की गज़लें मिलती हैं| ये युवा फेसबुक पे जाके फ़ालतू पोस्ट पे लाइक और कमेंट करने के बजाये गहरे मुद्दों पे गंभीर चर्चा करता है| लेकिन इस युवा का सोशल एक्सपटेंस बहुत कम है क्यूंकि अधिकांश युवा इसके जैसा नहीं है और उसको इसकी सारी बातें बेतुकी लगती हैं| इसीलिए इस युवा के बारे ...