दिल्ली की सर्द रातें
मुझे दिल्ली पसंद है, सर्दियाँ पसंद हैं और रात पसंद है। इसी वजह से मुझे दिल्ली की सर्द रातें बेहद पसंद हैं। इस शहर की हवाओं मे कुछ तो ऐसा है जिससे की सन्नाटा भी जम जाता है। कोई एक हल्की सी आहट भी नहीं होती; चारों तरफ एक खालीपन सा छा जाता है जिसमें केवल हम मौजूद हैं।
और हम, रज़ाई लपेटे हुए खुद में ही सिमटते जाते हैं। हम खुद में ही समाय जाते हैं। खामोशीयाँ इतनी गहरी होती हैं ऐसी रातों में कि हम अपनी सांसें सुन सकते हैं।
दरअसल, हमारी सांसें हमारे मन की आवाज़ हैं। दिल्ली की ऐसी सर्द रातों में हम खुद से बातें कर सकते हैं।
और हम, रज़ाई लपेटे हुए खुद में ही सिमटते जाते हैं। हम खुद में ही समाय जाते हैं। खामोशीयाँ इतनी गहरी होती हैं ऐसी रातों में कि हम अपनी सांसें सुन सकते हैं।
दरअसल, हमारी सांसें हमारे मन की आवाज़ हैं। दिल्ली की ऐसी सर्द रातों में हम खुद से बातें कर सकते हैं।
बारिश में सर्दी की बातें , फिर से बेमौके की धुन
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